क्या पंचायत चुनाव अपने नियत समय पर हो पायेगा, माननीय उच्चतम न्यायालय पर है, उम्मीदवारों का दारोमदार..

पंचायती राज अधिनियम में 11वॉ संशोधन करते हुए योगी सरकार ने ग्राम पंचायतों में आरक्षण के लिए 1995 को आधार मान कर 11 फरवरी 2021 को शासनादेश जारी किया था, जिसके बाद ग्राम पंचायतों में चुनावी माहौल बनना सुरु हो गया था, उम्मीदवार घर घर जा कर अपने अच्छाईयों के बारे में बताने लगे, चुनावी सर गर्मी तेज हो गयी थी, तभी अचानक अजय कुमार ने माननीय उच्च न्यायालय के खंड पीठ लखनऊ में आरक्षण को लेकर एक याचिका दायर कर दी, तथा तत्काल ही न्यायमूर्ति रितुराज अवस्थी व न्यायमूर्ति मनीष माथुर ने सरकार के फैसले को रोकते हुए आदेश दिया कि 2015 को आधार मान कर नया आरक्षण लागू किया जाए, और चुनाव सम्पन्न कराया जाए,
इसके उपरांत सरकार ने आनन फ़ानन में नया आदेश पारित कर आरक्षण लागू किया,
पुराने उम्मीदवारों के सपनो पर पानी फेर दिया, और नए उम्मीदवार मैदान में आ गए, लेकिन यह कहानी यही नही रुकी, माननीय उच्च न्यायालय के आदेशों को चुनौती देने के लिए लखनऊ हाईकोर्ट के वकील अमित कुमार सिंह भदौरिया के मुवक्किल ने माननीय उच्चतम न्यायालय में याचिका दाखिल की, जिससे नए आरक्षण के उम्मीदवारों में बेचैनी हो गयी, की अब क्या होगा,
उधर कोरोना भी अपने मरीज बढ़ा रहा है, 24 घंटे में 40 हजार कोरोना मरीज मिल गए, ये सब देखने के बाद है, तय करना मुश्किल ही है कि पंचायत चुनाव क्या अपने समय से हो पाएंगे,
अब कुछ ही दिनों मे यह साफ हो जाएगा
अंशुमान द्विवेदी
जिला प्रभारी
दैनिक महराजगंज न्यूज़