दीवाली आ गया, बाजारों में पसरा सन्नाटा

- सीमावर्ती क्षेत्र के व्यापारियों के लिए दीवाली हुई फीकी
- कोरोना के मद्देनजर विगत 23 मार्च से भारत-नेपाल सीमा सील
- बार्डर खुलने का इंतजार कर रहे व्यापारी
दैनिक न्यूज महाराजगंज
सगवदता शंभू रौनीयार
ठूठीबारी/महराजगंज। दीवाली आ गया नजदीक लेकिन सीमावर्ती क्षेत्र के बाजारों में नहीं दिख रही रौनक व्यापारियों के लिए दीवाली हुई फीकी। चाईनीज सामानों के बहिष्कार के बाद इस बार दीवाली पर्व में उपयोग होने वाले देसी झालर, रंगीन बल्ब, मोमबत्ती, दिये सहित कई अन्य इलेक्ट्रिक समान व भैयादूज के समान बाजार में आ गए है। सीमावर्ती क्षेत्रों के बाजारों में सन्नाटा पसरा हुआ है क्यो की नेपाल से भारत लगने वाली सभी नाका सामान्य आवागमन के लिए सील है। जिसका दंश झेल रहे व्यापारी।
मिलीं जानकारी अनुसार भारत-नेपाल के अन्तर्राष्ट्रीय सीमा खुली होने से दोनों देशों के नागरिको को होने वाली सामान्य आवाजाही से सीमावर्ती क्षेत्र के बाजार हमेशा गुलजार रहा करते थे। लेकिन वैश्विक महामारी कोरोना वायरस संक्रमण के चलते भारत नेपाल के अन्तर्राष्ट्रीय सीमा विगत 23 मार्च से सील है। इसी वजह से दोनों देशों में सामान्य रुप से होने वाली आवाजाही ठप है।
सीमावर्ती क्षेत्र के भारतीय व्यापारी नेपाली ग्राहकों पर आधारित है। नेपाली ग्राहकों के न पहुंचने के चलते बाजार में सन्नाटा पसरा रहा। इसी वजह से व्यापार पर काफी हद तक असर पड़ा है।
इस मौके पर व्यापारियों ने बताया कि दीवाली त्यौहार के 15 दिन पहले रंगीन झालर बत्ती का विक्री होता था। वहीं इस बार देशी रंगीन लाइट समान लाया गया है। वहीं दीवाली व भैया दूज त्यौहार के बाजार की तैयारी होने लगी है लक्ष्मी गणेश प्रतिमाओं सहित अन्य सामान आ गया है। लेकिन इस बार बार्डर सील होने से नेपाली ग्राहक नहीं आ रहे हैं। इसी कारण माल कम मंगाया गया है।