
ठूठीबारी महराजगंज :- भारत नेपाल के बीच बेटी और रिस्ते का है । जो आज भारत नेपाल सीमा सील की कहर से राह पर परछाई पड़ना भी दिन प्रतिदिन दूर हो रहे लगाव पर आंच आ रही है । जो सीमाओं की सील से आगमन बाधित है । जो इतना नही रोटी के साथ साथ बेटी के रिस्ते भी पिजड़े की तरह बधी हुई है । जो आज बेटियों की इन अपनी परिवारों से मिलन भी कतरा बनी हुई है । जो की मोह माया दूर होती चली जा रही है । बल्कि सीमाए सील के साथ सीमाओं की रौनक फीकी पड़ रही है । जो कि सीमा पर भारी संख्या में गुजरते राहगीरों की राह सुनी पड़ गई है । बल्कि एक दूसरे की रिस्तो के सम्बन्ध दोनों देशों के लिए दूर होती जा रही है । जो एक समय ऐसा था की सीमा पर भारी संख्या में लोग भारत नेपाल सीमा पर गुजरते रहते थे । विवाद की घड़ी रिस्तो पर पड़ सकती है । बल्कि इन दूर होते सम्बन्ध में महंगाई आसमान पार कर सकती है । जो ऐसे सील व आगमन बाधित की बढ़ती क़दम मैं रोटी बेटी की डोर एक दूसरे से दूर होती चली जा रही है ।