मरीजों के शोषण का केंद्र बना नया प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र कोल्हुई

कोल्हुई स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र अपने बदहाली पर आंसू बहा रहा है। आपको बता दें कि यह केंद्र स्थापना काल के शुरुआती दिनों से ही बीमार सा दिखता है जहां सदैव से ही स्टाफ की कमी के साथ साथ दवा की भी कमी बनी रहती है। जानकारी के मुताबिक यह स्वास्थ्य केंद्र पहले किराए के मकान में था। जहां लोगों की समस्याओं को देखते हुए पूर्व मंत्री अमरमणि त्रिपाठी के प्रयास से यह अस्पताल अपने सरकारी निजी भूमि पर वर्ष 1999 में शिलान्यास हुआ तथा वर्ष 2001 में तमाम सुविधाओं के साथ संचालित हुआ, इससे क्षेत्र के लोगों में एक उम्मीद जगी थी। परंतु यह स्वस्थ्य केन्द्र अपने भवन एवं संसाधनों के बावजूद भी बीरान सा लगता है जो चिंता का विषय बना हुआ है। वहीं आए दिन यह केंद्र हर सुविधाओं से वंचित हो गया है जहां जिम्मेदार लोगों के लापरवाही के कारण यहां समय से ना तो किसी डाक्टर की तैनाती देखी जाती है और ना ही किसी नर्स या एएनएम की, ऐसे में आए दिन पीड़ित गेट पर ही तड़पते रहते हैं। हद तो तब हो गई जब दीपावली की रात में प्रसूता घण्टों अस्पताल के गेट पर तड़पती रही ऐसे स्थिति में पीड़िता को किसी भी प्रकार का कोई सुविधा नहीं मिला जहां काफी देर तक गेट पर ही प्रसुता तड़पती ही रह गई जिसे देखकर आसपास के लोगों का कलेजा फट गया मिली जानकारी के अनुसार यहां के तैनात चिकित्सा प्रभारी केंद्र पर मरीजों के उपचार करने से ज्यादा आवास पर उपचार करना उचित समझते हैं वहीं अगर एएनएम की बात करें तो यहां एएनएम को अस्पताल पर रूकने का समुचित व्यवस्था उपलब्ध है फिर भी एएनएम अपने ड्यूटी से मुक्त होकर अपने रूम के लिए प्रस्थान कर देती हैं ऐसे में कोई मरीज तड़पें या फिर प्राण त्याग दे किसी को कोई फर्क नहीं पड़ने वाला। मामले में सीएमओ महराजगंज भी इस ओर निगाह फेरने की जहमत लेना उचित नहीं समझते।
इस सम्बन्ध में डॉक्टर सुशील कुमार गुप्ता का कहना है कि एएनएम को सख्त हिदायत पूर्व में भी दी जा चुकी है और पुनः एएनएम के खिलाफ कारवाही के लिए उच्च अधिकारियों को अवगत करा दिया गया है।
नौतनवा से तहसील प्रभारी वेद प्रकाश दुबे की रिपोर्ट।