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वरिष्ठ पत्रकार अर्णव गोस्वामी पर द्वेष भावना से गिरफ्तारी ठीक नही- पत्रकार अजय कुमार श्रीवास्तव

ठूठीबारी महराजगंज :- रिपब्लिक भारत के वरिष्ठ पत्रकार अर्णव गोस्वामी को दो साल पहले एक इंटीरियर डिजाइनर की आत्महत्या से जुड़े मामले में मारते पीटते गिरफ्ताए किया गया है । जिससे कि अर्णव गोस्वामी अब मामले में दोबारा आदेश दिए गए । जिससे अर्णव गोस्वामी ने मारते पीटते हाथापाई करने का आरोप लगाया है । महाराष्ट्र द्वारा द्वेवेश भावना से गिरफ्तारी पत्रकारिता पर हमला है । वही पत्रकार अजय कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि किसी भी प्रकार की पत्रकार की गिरफ्तारी से पहले प्रेस काउंसलिंग के संज्ञान में महाराष्ट्र सरकार को लाना चाहिए था । अगर पत्रकारों पर ऐसे रही तो लोक तन्त्र के चौथे स्तम्भ माने जाने वाले पत्रकार का अस्तित्व दूर चली जा रही है । अगर लोकतन्त्र के चौथे स्तम्भ पे पत्रकार पर ऐसे ही गिरफ्तारी , मुकदमे आम होती चली जा रही है । आज के पत्रकारों को किसी भी प्रकार की सुरक्षा से वंचित है । आज देश की पत्रकारिता को पत्रकार सुरक्षा कानून की जरूरत है । जिससे कि पत्रकारों पर हमले , व किसी तरीके से मुकदमे करना आम होती चली जा रही है । पत्रकार को एक था एकता की आवाज को उठानी होगी । पत्रकार एक गरीब की आवाज व दर्द को उठाकर सभी के सामने पेश कर उसके दुःख दर्द को निजात दिलाते है । फिर भी पत्रकारों पर ऐसी हरकत क्यों हो रही है ।

अभिषेक त्रिपाठी

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