समरधीरा मे बजबजाती नालियों को नजरअंदाज कर रहें सफाईकर्मी

जाम नाली बीमारी को दे रहा दावत
पुरंदरपुर थाना क्षेत्र के लक्ष्मीपुर ब्लॉक के गांवों में कूडे़ व गंदगी का अंबार है। जबकि सफाई कर्मी नदारद हैं। कुछ ऐसे भी हैं। जो अपनी जगह मजदूरों से गांवों में साफ-सफाई का कार्य करवाते हैं। कितने कर्मी ऐसे भी हैं। जिनकी सूरत आज तक ग्रामीणों ने नहीं देखी है। ऐसा भी नहीं कि इस दुर्व्यवस्था से जिम्मेदार वाकिफ नहीं हैं। लेकिन सब कुछ सेटिंग गेटिंग के खेल पर जारी है। लक्ष्मीपुर ब्लॉक के ग्रामीण क्षेत्रों में स्वच्छता अभियान को विभाग के कर्मचारी ही पलीता लगा रहे हैं। पहुंच व रसूख के बल पर कार्यस्थल पर तैनाती के बाद जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ ले रहे हैं। कुछ की बात छोड़ दी जाए तो अधिकांश कर्मियों को यह कार्य करने में शर्म महसूस होती है। इसके लिए संबंधित प्रतिनिधि व अधिकारी परिक्रमा कर दायित्व की पूर्ति कर लेते हैं। कुछ सफाई कर्मी ऐसे भी हैं। जिन्हें थोड़ा-बहुत विभाग का डर है। वे साल भर में दो या चार बार मजदूर लगाकर सफाई व्यवस्था की गाड़ी को खींचते नजर आते हैं। विकास खंड लक्ष्मीपुर में ऐसे भी सफाई कर्मियों की तैनाती हैं। जिन्हे अपनी तैनाती स्थल की जानकारी नहीं है। जबकि कागज में वहां की सफाई सुचारू चल रही है। ऐसे कर्मचारी ग्रामीणों की बात कौन कहे। ग्राम सभा समरधीरा में नालियां बज बजाती रही है। जाम पड़ी स्थिति से भी अनभिज्ञ हैं। विभाग की अनियमितता की बात की जाए तो यहां भी सब कुछ मनमानी है। पहुंच की वरीयता के आधार पर कार्यस्थल का निर्धारण किया गया है। जिम्मेदार उच्चाधिकारियों के आने के समय स्वच्छता के लिए मुस्तैद दिखते हैं। लेकिन उनके जाते ही सबकुछ यथावत हो जाता है। जिससे विभिन्न प्रकार की बीमारियां व मच्छरों के प्रकोप से समरधीरा वासीयों की समस्या बढ़ती जा रहा है। और जिम्मेदार मौन पड़े है। साफ-सफाई के अभाव में उफ़ान मार रहें नाली के संबंध में खंड विकास अधिकारी सुधीर पांडेय से दूरभाष से बात करना चाहा तो नंबर को ब्लैक लिस्ट में डाल दिया गया। जिससे सामुदायिक शौचालय की गुणवत्ता को लेकर आधिकारिक बयान भी अधूरा रह गया।