यूपी में शुरू हुई जाति की राजनीति
*यूपी में जाति की राजनीति शुरू, सपा की राह पर चली बसपा सुप्रीमो मायावती भी लगवाएंगी भगवान परशुराम की भव्य मूर्ति
भगवान परशुराम की भव्य प्रतिमा लगाएंगे-माया
सपा की मूर्ति से BSP की मूर्ति भव्य होगी-माया
अखिलेश को अपनी सरकार में लगानी थी प्रतिमा
सपा की हालत प्रदेश में बहुत खराब- मायावती
परशुराम के नाम पर अस्पताल बनवाएंगे-माया
BSP सरकार आने पर हम अस्पताल बनवाएंगे
बीएसपी जो कहती है वो करती है- मायावती
BJP सरकार में ब्राह्मण समाज का उत्पीड़न’
ब्राह्मण समाज को बसपा पर भरोसा-मायावती
ब्राह्मणों को हमने उचित प्रतिनिधित्व दिया
राम मंदिर पर राजनीति हो रही है-मायावती
भूमि पूजन में राष्ट्रपति को बुलाना चाहिए था’
पीएम राष्ट्रपति को साथ लाते तो अच्छा होता’
राष्ट्रपति को न बुलाना अच्छा मैसेज नहीं गया’
यूपी में विकास की राजनीति छोड़ राजनैतिक दल अब जाति की राजनीति पर उतर आए है। कोरोना संक्रमण काल मे जाती पर शुरू हुई राजनीति के अखाड़े में कूद बसपा सुप्रीमो मायावती ने ब्राह्मण वर्ग को खुश करने के लिए भगवान परशुराम की भव्य मूर्ति लगवाने का एलान किया है। समाजवादी पार्टी (एसपी) के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव द्वारा ब्राह्मण वर्ग को खुश करने और बीजेपी के मजबूत वोट बैंक में सेंधमारी करने कोशिशों से आगे निकलते हुए बसपा सुप्रीमो मायावती ने अखिलेश यादव पर तंज कसते हुए कहा कि अगर अखिलेश को ब्राह्मणों की इतनी ही फिक्र थी तो वो अपने कार्यकाल मे ही भगवान परशुराम की मूर्ति लगाए होते।उन्होंने कहा कि बसपा समाजवादी पार्टी से बड़ी और भव्य मूर्ति लगवाएगी। बहुजन समाज पार्टी सुप्रीमो मायावती ने ब्राह्मणों को पार्टी की तरफ लुभाने के लिए बड़ा ऐलान करते हुए भाजपा पर पर ब्राह्मणों का उत्पीड़न करने का आरोप लगाया है। बसपा सुप्रीमो ने कहा कि हमने सदैव ही ब्राह्मणों को सम्मान दिया है,सरकार जब हमारी थी तब हमने उन्हें उचित भागीदारी भी दी।बसपा सुप्रीमो ने कहा कि जब हमारी सरकार आएगी तब हम भगवान परशुराम के नाम से अस्पताल बनवाएं जाएंगे।राम मंदिर मामले पर उन्होंने कहा कि भाजप राजनीति कर रही है, भूमि पूजन में राष्ट्रपति को नही बुलाया गया।