वन माफियाओं का अड्डा बना सुरपार बीट का नाला
सूरपार चौकी के समीप नाला में मिला चार बोटा साखू, तस्कर फरार।
समरधीरा-महाराजगंज
पुरंदरपुर थाना क्षेत्र के बड़हरा व बड़हरी गांव के बीच में बेसलही नाला में छापेमारी की जिसमें 4 बोटा साखू की लकड़ी बरामद की, वहीं वन विभाग को चकमा देकर वन माफिया फरार हैं। माफियाओं का हौसला बुलंद । वन विभाग अपनी सक्रियता दिखाने में नाकाम है यह कोई आम लकड़ी नहीं है जिसे हर कोई व्यक्ति काटकर नाला में छुपा रहा है बल्कि यह एक वन विभाग की कीमती लकड़ी है। जिसे वन विभाग द्वारा वर्षों से सजाकर साखू के पौधों को संरक्षण दिया गया है। वही कीमती पौधों को वन फॉरेस्टर गार्डों की मिलीभगत से इन दिनों धड़ल्ले से कटान चल रहा है। वन अधिनियम के अंतर्गत कानून में जारी किया गया है कि बिना अनुमति के साखू की लकड़ियों का काटना व कटवाना अपराध है ऐसे श्रेणी में जो व्यक्ति आता है भारतीय वन कानून 1927 के अनुसार सेक्शन 68 के अंतर्गत पर्यावरण कोर्ट में मामला दर्ज हो सकता है। इसमें पेड़ों की चोरी, पर्यावरण को नुकसान पहुंचने और प्रदूषण एक्ट के तहत मामला दर्ज हो सकता है। पेड़ काटने के मामले में दोषी पाए जाने वाले को पेड़ की किस्म मोटाई के अनुसार जुर्माना किया जा सकता है या 6 माह से लेकर 3 साल की जेल हो सकती है। जब इस संबंध में दूरभाष केमध्यम से जब सूरपार चौकी प्रभारी ओंकारनाथ वरुण जानकारी मांगा तो उन्होंने बताया कि केवल 4 बोटा साखू की लकड़ी नाला के पानी में पाया गया है और वह लकड़ी काफी पुराना है।