जिलाधिकारी की अध्यक्षता में संपन्न हुई बाल संरक्षण समिति की बैठक

जिलाधिकारी डा0उज्ज्वल कुमार की अध्यक्षता में कोविड महामारी से प्रभावित अनाथ बच्चों को चिन्हीकरण तथा उन्हें सरकारी योजनाओं से संतृप्त, मुख्य बाल सेवा,बाल कल्याण समिति, किशोर न्याय समिति स्पोनसरशिप, बाल संरक्षण समिति,बाल बिबाह से सम्बन्धित अनेक विषयों पर विस्तृत समीक्षा की गयी।
जिलाधिकारी द्वारा सर्वप्रथम कोविड 19 महामारी से प्रभावित अनाथ बच्चों का चिन्हिकरण 36 किये गये है, जिनके माता पिता या एक सदस्य की मृत्यु पश्चात बच्चे रिस्तेदारी या अन्य सदस्य द्वारा देखभाल किया जा रहा है।
जिलाधिकारी ने जिला प्रोबेशन अधिकारी को निर्देशित किया कि ऐसे बच्चो को तत्काल प्रभाव से योजनाओं से संतृप्त किया जाय। शून्य से 10 वर्ष की आयु तथा 11 वर्ष से 18 वर्ष आयु वाले ऐसे बच्चो को वैध संरक्षक के खाते में 4000रू प्रतिमाह धनराशि दिये जाये,जिन्हे किसी प्राइवेट संस्था में पंजीयन कराया हो,तथा कक्षा 6 से 12 तक शिक्षा हेतु अटल आवासीय या कस्तुरबा गाँधी आवसीय विद्यालय में प्रवेशित कराये। वर्ष 11 से 18 आयु बच्चों अवकाश अवधि में तीन माह हेतु 12000रू संरक्षक के खाते में स्थानान्तरित किया जाय। मुख्य मंत्री
बाल सेवा योजना में श्रम विभाग अधिकारी को निर्देश दिया कि दुकानदारों के यहा कार्य करने वाले बच्चों को चिन्हित करें । बच्चों की परिस्थितियों को संज्ञानित करते हुए,उन्हें सरकारी योजनाओं से लाभान्वित किया जाय। किशोर न्याय वोर्ड में 805 मामलों का निस्तारण नही हो पाया है जिसमें वोर्ड सदस्यों को लगन से कार्य करने की सलाह दी।
बाल संरक्षण के महत्वपूर्ण विषयों पर ब्लाक व ग्राम स्तर पर जन जागरूकता हेतु कैम्प या पोस्टर, हैण्ड बुक के माध्यम से प्रचार प्रसार पर जोर दिया गया।
बाल कल्याण समिति सदस्या (cwc) सरोज पाण्डेय ने महिलाओं की समस्या से सम्बन्धित बताया कि समस्याओं का निस्तारण नही होने पर समिति कार्य नहीं कर पा रही है महिला रात्रि निवास की ब्यवस्था न होने के कारण समस्यायें जटिल हो जा रही है। जिस पर जिलाधिकारी ने प्रोबेशन अधिकारी को निर्देशित किया कि सम्प्रेक्षा गृह एवं महिलाशरणालय के भूमि का प्रस्ताव प्रेषित किया जाये,जिससे इन समस्याओं का निस्तारण हो सके।